माँ – त्याग, ममता और जीवन का आधार
दुनिया का सबसे पवित्र और सबसे प्यारा शब्द है – “माँ”। माँ सिर्फ एक इंसान नहीं बल्कि पूरी एक भावना है। माँ का प्यार, ममता और त्याग इतना गहरा होता है कि उसे शब्दों में बाँधना असंभव है। इंसान चाहे कितनी भी ऊँचाइयों तक पहुँच जाए, उसके जीवन की शुरुआत और सबसे पहला सहारा माँ ही होती है।
कहा जाता है कि “भगवान हर जगह नहीं हो सकता, इसलिए उसने माँ को बनाया।” यह वाक्य माँ के महत्व को समझाने के लिए काफी है।
बच्चा इस दुनिया में आने से पहले ही माँ से जुड़ जाता है। नौ महीने की गर्भावस्था सिर्फ शारीरिक नहीं बल्कि भावनात्मक यात्रा भी होती है। माँ अपने बच्चे को अपनी कोख में पालते हुए हर सुख-दुख सह लेती है।
- वह अपने खान-पान का ख्याल रखती है,
- कई बार तकलीफ सहती है,
- अपनी इच्छाएँ दबा लेती है,
लेकिन उसके चेहरे पर हमेशा मुस्कान होती है, क्योंकि उसके लिए सबसे बड़ी खुशी उसका बच्चा होता है।
दुनिया में बहुत सारे रिश्ते हैं, लेकिन लगभग हर रिश्ते की कोई न कोई शर्त होती है। दोस्ती में वफादारी चाहिए, शादी में भरोसा चाहिए, व्यापार में फायदा चाहिए। लेकिन माँ का रिश्ता पूरी तरह निस्वार्थ होता है।
- बच्चा अच्छा हो या बुरा, माँ का प्यार कभी कम नहीं होता।
- चाहे बच्चा लाख गलतियाँ करे, माँ उसे गले लगा लेती है।
- माँ अपने बच्चे की कमजोरी को भी ढक लेती है और उसकी अच्छाइयों को दुनिया के सामने proudly बताती है।
माँ के दिल का यह प्यार अनमोल है और इसकी कोई तुलना नहीं की जा सकती।
हर माँ अपने बच्चों के लिए त्याग करती है।
- वह खुद भूखी रह सकती है लेकिन अपने बच्चे को भूखा नहीं देख सकती।
- वह अपनी नींद छोड़ सकती है लेकिन अपने बच्चे को रोते हुए नहीं देख सकती।
- वह खुद सादा कपड़े पहन सकती है लेकिन अपने बच्चों को सबसे अच्छा पहनाने की कोशिश करती है।
गरीब माँ हो या अमीर माँ, हर माँ की सोच यही होती है कि उसका बच्चा उससे भी बेहतर जिंदगी जी सके।
माँ ही वह इंसान है जो बच्चे को बोलना, चलना और जीना सिखाती है। बच्चे का पहला स्कूल उसका घर और पहली अध्यापक उसकी माँ होती है।
- माँ संस्कार देती है,
- माँ सही-गलत का फर्क सिखाती है,
- माँ ही बच्चा को मेहनत, धैर्य और ईमानदारी की सीख देती है।
आज हम जो भी हैं, उसमें माँ की सीख और परवरिश का बहुत बड़ा योगदान है।
माँ की ममता दुनिया की सबसे बड़ी दवा है।
- जब बच्चा बीमार होता है, तो माँ की छाया ही उसके लिए सबसे बड़ा आराम बन जाती है।
- जब बच्चा दुखी होता है, तो माँ के एक स्पर्श से ही उसका दर्द आधा हो जाता है।
- माँ का हाथ सिर पर हो, तो इंसान को लगता है जैसे पूरा ब्रह्मांड उसके साथ है।
माँ सिर्फ प्यार करने वाली ही नहीं, बल्कि संघर्ष करने वाली शक्ति भी है।
- वह घर की जिम्मेदारियाँ निभाती है,
- पति और बच्चों का ख्याल रखती है,
- कई बार घर चलाने के लिए बाहर भी काम करती है।
लेकिन इसके बावजूद वह कभी थकने की शिकायत नहीं करती। माँ का संघर्ष ही परिवार को आगे बढ़ाता है।
माँ के बिना इंसान की कल्पना अधूरी है। अगर बचपन में माँ न हो तो बच्चा अकेला हो जाता है, और अगर बड़े होने पर माँ का सहारा न हो तो इंसान कमजोर हो जाता है।
माँ ही वह शक्ति है जो परिवार को जोड़कर रखती है।
माँ और बच्चे का रिश्ता सिर्फ खून का रिश्ता नहीं है। यह दिल और आत्मा का रिश्ता है।
- बच्चा चाहे कितनी भी दूर चला जाए, माँ का दिल हमेशा उससे जुड़ा रहता है।
- माँ बिना कहे ही बच्चे की तकलीफ समझ जाती है।
- माँ की दुआएँ जीवन की सबसे बड़ी पूँजी होती हैं।
- महात्मा गांधी ने कहा था – “मुझे जो भी संस्कार मिले हैं, वे मेरी माँ से ही मिले हैं।”
- अब्राहम लिंकन कहते थे – “आज मैं जो भी हूँ, अपनी माँ की वजह से हूँ।”
- स्वामी विवेकानंद ने कहा – “दुनिया में कोई भी शक्ति माँ के प्रेम से बड़ी नहीं।”
अक्सर लोग माँ के महत्व को तब समझते हैं, जब माँ साथ नहीं रहती। माँ हमें हर पल प्यार देती है, लेकिन हम कभी-कभी उसकी कद्र नहीं कर पाते।
हमें चाहिए कि –
- रोज़ माँ को सम्मान दें,
- उनके साथ समय बिताएँ,
- उनकी भावनाओं को समझें।
निष्कर्ष
माँ सिर्फ एक शब्द नहीं, बल्कि पूरी एक किताब है जिसमें जीवन के सारे अनुभव लिखे हैं। माँ त्याग है, माँ ममता है, माँ दुआ है और माँ ही जीवन की असली शक्ति है।
👉 अगर आपके पास माँ है तो आप दुनिया के सबसे अमीर इंसान हैं। माँ का आदर करें, उनका ख्याल रखें और उन्हें वह प्यार दें जिसकी वह असल हकदार हैं।

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