Ek Anjaani Shaadi – Arranged Marriage Story | Emotional Love Story in Hindi

              

                  🌸 Ek Anjaani Shaadi 🌸



कभी-कभी ज़िन्दगी में लिए गए फैसले हमारे अपने नहीं होते, बल्कि हालात और परिवार के दबाव में लिए जाते हैं। पर वही फैसले हमें ऐसी राह पर ले जाते हैं, जिसकी हमने कभी कल्पना भी नहीं की होती। यह कहानी है आरव और अनन्या की—दो अजनबी जिनकी शादी होती है बिना किसी जान-पहचान के, लेकिन वही अनजानी शादी धीरे-धीरे उनके जीवन की सबसे खूबसूरत यात्रा बन जाती है।



दिल्ली शहर की भीड़भाड़ में रहने वाला आरव मेहरा 29 साल का, पढ़ाई में अव्वल और MNC में काम करने वाला लड़का था। उसका सपना था दुनिया घूमना, बड़े प्रोजेक्ट्स करना और करियर में नाम कमाना। शादी उसके लिए कोई प्राथमिकता नहीं थी।

दूसरी तरफ़, अनन्या शर्मा—26 साल की, लखनऊ की एक संस्कारी और सादगी पसंद लड़की। उसने अपनी पढ़ाई के बाद टीचिंग को प्रोफेशन चुना था। उसके सपनों में शादी एक बड़ा हिस्सा थी, पर वो हमेशा सोचती थी कि उसका जीवनसाथी वही होना चाहिए जो उसे समझ सके।

दोनों की दुनिया और सोच अलग थी, पर किस्मत को कुछ और ही मंज़ूर था।



एक दिन आरव के माता-पिता ने उससे कहा:
“बेटा, अब हमें लगता है कि तुम्हें सेटल हो जाना चाहिए। उम्र निकल रही है।”

आरव ने अनमने ढंग से जवाब दिया:
“माँ, अभी मेरा ध्यान शादी पर नहीं है।”

लेकिन माँ की ज़िद और समाज का दबाव उसे झुकने पर मजबूर कर देता है।

इधर अनन्या के घर भी रिश्तों की कतार लगी रहती थी। हर बार जब कोई लड़का देखने आता, तो कहीं लड़के को उसका सादापन पसंद नहीं आता, तो कहीं उसे उसकी नौकरी। धीरे-धीरे अनन्या भी सोचने लगी कि शायद उसके लिए सही इंसान मिलना मुश्किल होगा।

फिर एक दिन दोनों परिवारों की मुलाक़ात होती है।



आरव और अनन्या की पहली मुलाक़ात एक कैफ़े में तय की जाती है।

आरव सीधा सवाल करता है:
“क्या आप शादी के लिए तैयार हैं? मुझे ज़्यादा औपचारिक बातें पसंद नहीं।”

अनन्या थोड़ी हिचकिचाते हुए बोली:
“शादी सिर्फ़ एक औपचारिकता नहीं है। ये दो लोगों का रिश्ता है, जिसे निभाने में वक्त लगता है।”

आरव उसके जवाब से हैरान था। उसने पहली बार किसी लड़की को इतना परिपक्वता से बोलते सुना। वहीं अनन्या को लगा कि आरव थोड़ा रूखा है, लेकिन उसके चेहरे पर छिपी थकान और आँखों में जिम्मेदारियों का बोझ उसे दिख रहा था।

कुछ ही मुलाक़ातों के बाद, परिवारों ने रिश्ता पक्का कर दिया।



शादी का माहौल हर घर में उत्साह से भरा था।
अनन्या के लिए यह उसका सपना था, जिसे वो सालों से संजोए बैठी थी।
आरव के लिए यह बस एक जिम्मेदारी थी, जिसे पूरा करना था।

मंडप में बैठे आरव ने मन ही मन सोचा:
“क्या मैं सही कर रहा हूँ? क्या ये रिश्ता टिकेगा?”

वहीं अनन्या ने आँखें बंद कर मन ही मन प्रार्थना की:
“हे भगवान, मुझे ताक़त देना कि मैं इस रिश्ते को निभा सकूँ।”

और इस तरह दो अजनबी एक नए रिश्ते में बंध गए।



शादी के बाद दोनों साथ रहने लगे। शुरुआत में बहुत अजीब माहौल था।
आरव ऑफिस से देर रात घर आता, अनन्या उसका इंतज़ार करती।
पर आरव थका हुआ सिर्फ़ खाना खाता और सो जाता।

एक दिन अनन्या बोली:
“आरव, क्या हमारी ज़िन्दगी सिर्फ़ इस रूटीन तक ही सीमित रहेगी?”

आरव चुप रहा, क्योंकि उसके पास कोई जवाब नहीं था।

धीरे-धीरे, छोटी-छोटी बातें दोनों को करीब लाने लगीं।
एक दिन बारिश हो रही थी। अनन्या ने छत पर जाकर चाय बनाई और आरव को बुलाया।
उसने मुस्कुराकर कहा:
“कभी वक्त निकालकर बारिश को महसूस किया है? ये भी ज़िन्दगी का हिस्सा है।”

उस दिन आरव पहली बार हल्के से मुस्कुराया 


दिन गुजरते गए और अनजानी शादी अब दोस्ती में बदलने लगी।
अनन्या की देखभाल, उसका सादापन और उसकी मासूम मुस्कान, धीरे-धीरे आरव के दिल में घर करने लगी।

एक दिन जब आरव बीमार हुआ, अनन्या ने पूरी रात उसकी देखभाल की।
आरव ने पहली बार उसके हाथ पकड़कर कहा:
“तुम्हारे बिना शायद मैं अधूरा हूँ। मैं जानता हूँ कि मैंने इस रिश्ते को कभी अहमियत नहीं दी, लेकिन अब समझ आया कि ये रिश्ता ही मेरी ताक़त है।”

अनन्या की आँखों में आँसू आ गए।
उसने धीरे से कहा:
“प्यार कभी अचानक नहीं होता, धीरे-धीरे पनपता है। शायद हमारी शादी भी उसी प्यार की शुरुआत है।”


वक्त बीता और उनकी जिंदगी में खुशियाँ लौट आईं।
अब आरव हर छोटे मौके को अनन्या के साथ जीने लगा।

एक शाम, जब दोनों छत पर बैठे तारों को देख रहे थे, आरव ने अनन्या का हाथ थामकर कहा:
“अनन्या, शायद हमारी शादी शुरू में अनजानी थी, पर अब ये मेरी सबसे बड़ी पहचान है। मैं तुमसे प्यार करता हूँ।”

अनन्या की आँखें चमक उठीं। उसने कहा:
“मैंने तो उसी दिन से तुम्हें अपना मान लिया था, जिस दिन हमने सात फेरे लिए थे।”

समय ने दो अजनबियों को जीवनसाथी बना दिया।
उनकी शादी अब सिर्फ़ समाज की औपचारिकता नहीं थी, बल्कि एक सच्चे रिश्ते का आधार बन चुकी थी।

एक अनजानी शादी, अब सबसे खूबसूरत कहानी बन गई थी।


✨ निष्कर्ष

ज़िन्दगी में हर रिश्ता हमें चुनकर नहीं मिलता। कुछ रिश्ते हमें किस्मत से मिलते हैं।
और वही रिश्ते हमें सिखाते हैं कि प्यार सिर्फ़ ढूँढने से नहीं, निभाने से बनता है।




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